Class Doubts - Module 3 - Hindi Batch



यह एक आम कहावत है की किसी भी चीज़ को महान बनने के लिए उसकी नींव का मजबूत होना बहुत ज़रूरी है। जिस आधार या स्तम्भ पर कोई वस्तु बनी हो या खड़ी हो, वह इतनी मज़बूत होनी चाहिए कि कोई भी वस्तु उसकी पहचान को हिला न सके। उसी तरह, फंडामेंटल एनालिसिस भी किसी व्यवसाय के कामकाज को उसके सबसे बुनियादी स्तर पर समझने की एक प्रक्रिया है, ताकि यह पता लगाया जा सके कि इन्वेस्टमेंट के लिए व्यवसाय का सही मूल्य क्या है, यह जानने के लिए कि क्या यह कम या अधिक है। किसी भी व्यक्ति को किसी भी कंपनी का मूल्यांकन करने से पहले उस कंपनी के बिजनेस मॉडल को समझना चाहिए और इन्वेस्टमेंट से पहले उस कंपनी को एनालाइज ज़रूर करना चाहिए। 

फंडामेंटल एनालिसिस में क्वालिटेटिव एंड क्वांटिटेटिव एनालिसिस दोनों शामिल होते है। क्वालिटेटिव एनालिसिस के लिए आपको कंपनी मैनेजमेंट को समझने की ज़रूरत है और साथ ही कंपनी के फंडामेंटल्स ऑफ़ बिज़नेस को समझने के लिए आपको उस बिज़नेस को चलाने वाले लोगो की मंशा को जानने की आवश्यकता है। नंबर्स साइड पर, आपको फाइनेंसियल स्टेटमेंट्स को समझने की आवश्यकता है जो किसी कंपनी की फाइनेंसियल परफॉरमेंस एंड बिज़नेस एक्टिविटीज को दर्शाते है और उस कंपनी की FD के द्वारा जो प्रोफिटेबिलिटी है जैसे की बैलेंस शीट, प्रॉफिट एंड लोस्स स्टेटमेंट, कॅश फ्लो स्टेटमेंट आदि और कंपनी के रिटर्न्स को समझने और तुलना करने में सहायता करते है। ये सब एनालिसिस करने के बाद आप इंवेस्टमनेट के लिए किसी भी बिज़नेस की राइट वैल्यू का पता कर सकते है। 

यह किसी भी गैजेट को खरीदने से पहले ब्रांड का नाम, ब्रांड ट्रस्ट, ब्रांड परफॉरमेंस, लागत, वारंटी की अवधि आदि की तलाश करने के समान है। और अंत में, आप तय करते हैं कि क्या यह खरीदने लायक है। हमारे पास जितने भी चोइसस हैं, उनमें से कोई भी निर्णय लिया जा सकता है जो की सही भी हो सकता है या गलत भी हो सकता है। 

और यही कारण है कि फंडामेंटल एनालिसिस को मेरे कोर्स के Module 3 के रूप में शामिल करना महत्वपूर्ण था, “ए कम्पलीट कोर्स ऑन इंडियन स्टॉक मार्किट। 

हम हमेशा अपने पास मौजूद सभी विकल्पों के बीच इन्फोर्मेड निर्णय लेना पसंद करते हैं और नंबर्स ऐसे निर्णय लेने में हमारी मदद करती हैं। गट फीलिंग्स के आधार पर निर्णय नहीं लेना चहिये, इसके बजाय एक्सएक्ट नंबर्स पर जाना चाहिए। हमेशा ट्रेंड्स को देखें और ट्रेंड्स को analyse करने का प्रयास करें। 

Module 3 में फंडामेंटल एनालिसिस से संबंधित सभी टॉपिक्स बहुत ही सरल भाषा में हैं। Module 3 में चैप्टर्स हैं- 

क्लास 21। इंट्रोडक्शन to फंडामेंटल एनालिसिस।

क्लास 22। क्वालिटेटिव एनालिसिस क्या होता है?

क्लास 23। बैलेंस शीट के बारे में जानिए।

क्लास 24। प्रॉफिट एंड लॉस स्टेटमेंट के बारे में जानिए।

क्लास 25। कैश फ्लो स्टेटमेंट के बारे में जानिए।

क्लास 26। Ratio Analysis – पार्ट 1।

क्लास 27। Ratio Analysis – पार्ट 2।

क्लास 28। Ratio Analysis – पार्ट 3।

क्लास 29। Ratio Analysis – पार्ट 4।

क्लास 30। Ratio Analysis - पार्ट 5।

क्लास 31। Stock में निवेश करने के 4 तरीके।

एक बार जब आप कॉंफिडेंट हो जाएं और नंबर्स देखना स्टार्ट कर दें, तो कंपनियों के करैक्टर और कंपनी की क्वालिटी को समझना शुरू कर देंगे। आपके लिए कुछ फिल्ट्रेशन करना आसान होगा और आप आसानी से समझने लगेंगे कि कंपनी के भीतर होने वाली हर गतिविधि या तो कंपनी के लिए पैसा लाती है या फिर कंपनी से पैसे बाहर ले जाती है। 

अगर आपने मेरे कोर्स, "ए कम्पलीट कोर्स ऑन इंडियन स्टॉक मार्किट ", में एनरोल किया है और आपको Module 3 के किसी भी वीडियो क्लासेज से रिलेटेड कोई भी डाउट है तो आप यहां इस ब्लॉग के नीचे कमेंट करके पूछ सकते है। 

वैसे तो आपको एक zoom link भेजा जायेगा और में भी रेगुलरली डिफरेंट टाइम पर आपके सभी सवालो का जवाब देने के लिए लाइव डाउट सेशंस लेता रहूँगा। साथ ही साथ, आप अपने सवाल यहां भी पूछ सकते है। 

हर Module के लिए ऐसे ही एक ब्लॉग बनाया गया है। एक ही आशा है की सवाल पूछते टाइम इस बात का ध्यान रखा जाए की सवाल Module सम्बंधित ही हो और चैप्टर के नाम के साथ ही पुछा जाए। 

आपका 

कुंदन किशोर

Module 3 से रिलेटेड कोई भी डाउट आप यहां पोस्ट कर सकते है।

Kundan Kishore

Curator - A Complete Course on Indian Stock Market